Sunday, February 28, 2021

Kathak aaur Me

 


यह कथक जो  


गुरु शिष्य परम्परा से चलता आया

ज्ञान मनोरंजन भक्ति को पाना 

जीवन कथा को नृत्य रूप दिखाना   

मंदिर दरबार से रंगमंच तक छाया।  


कथनी करनी को हर रस में सजाना 

घुंघरू संग ताल पर नाचना - नचाना 

पलटे भाग्य रंग अभिनय दिखाना 

बहिर्मुख से अंतरंग को जाना। 


कथक का मेरे जीवन में आना

जैसे प्रेमी का प्रीतम को पाना

साधना का यह मार्ग अनोखा

लय यात्री की आरोह गत-चाल चलना  


इस तन की धारा का होमित होना 

भूतल से परमप्रिय  को पुकारना

जैसे राधा - मीरा का समर्पित होना

कुछ ऐसा मैंने तत्कार के बोलो को जाना 


ता थई थई तत

आ थई थई तत।।  २।। 


परमप्रिय को अपनी बात बताना

जीवन में स्थिरता को पाना

सम आदि का ध्यान लगाना

कथक से मेने खुद को जाना। 

कथक से मेने खुदा  को पान। 


- vaibhav pandya
February 2021

for


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We all have played that game - pass the parcel. Where music is played in background, parcel (pillow or ball or such object) is passed in the...