दिल से
दिमाग़ से
या
दोनो के समन्वय से
दिमाग़ से
या
दोनो के समन्वय से
दिमाग़ बिखरा बिखरा है
दिल तूटा तूटा है
कुछ छूटा छूटा सा है
दिल तूटा तूटा है
कुछ छूटा छूटा सा है
क्या है?
या
कोन है?
या
कोन है?
गहराई महंगी हो रही है
तन्हाई गूंगी हो रही है
कोई अवाज दबि सी है
दिल की आवाज़ ज़ुबान पर तुट जाए
दिमाग़ की आवाज़ जुमले मे छूट जाए
दिल से
दिमाग़ से
या
दोनो के समन्वय से
यह सवाल नही है, अब!
वह सज्ज हे जब
जो भी होगा लाजवाब होगा
दिल से भी होगा,
दिमाग़ से भी होगा
गा के मस्त दिल, दिमाग़
में मे तू, तू मे में होगा
तन्हाई गूंगी हो रही है
कोई अवाज दबि सी है
दिल की आवाज़ ज़ुबान पर तुट जाए
दिमाग़ की आवाज़ जुमले मे छूट जाए
दिल से
दिमाग़ से
या
दोनो के समन्वय से
यह सवाल नही है, अब!
वह सज्ज हे जब
जो भी होगा लाजवाब होगा
दिल से भी होगा,
दिमाग़ से भी होगा
गा के मस्त दिल, दिमाग़
में मे तू, तू मे में होगा
written by vaibhav on 14-06-2016, 22:19
- one of the FB post which wanted to be 50th post on blog. Now up on the blog as 175th.
Pic credit: youngisthan.in
1 comment:
Mann ane magaj ne vachche nu Yudhdh.
Manomanthan......
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