बाल काल मे थे वो लंबे केश
पर अब चल रहा है अनेरा case
राम और मरा अब एक हो गए हे
शिव और कृष्ण दो नही रहे।
दोनो को साथ साथ याद करता हूं।
एक मेरा केशव है,
जो मुझे शैशव दे
मोरपंख से सजता,
हमे लावण्यता
प्रदान कर जाता।
दूजा मेरा व्योमकेश
मानो सारा भार
आसरा और वह धार
जो मिले सजाता
हमे लावण्यता
प्रदान कर जाता।
मेरे पास ना तो जटा ना मोरपंख
बस जीवित अजीवित के संग
परिभाषा मे रह, जीवन-मरण के संग
रोज अपने केश सजाते
सँवारते अपने आपको पाता हूं।
वैभव, 22-12-2020
And one more poem. Double , bonus poem.
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