Wednesday, December 06, 2017

जिंदगी का प्रेम

तू मुझे चाहती है।
तू मुझसे नही चाहती।
इसीलिए ए जिंदगी तू आती हे
चुप के,
चुप के से चली जाती।

मन मेरा करता हे,
तुझे आगोश में लेने का।
पर यह भूत भविष्य के वेले
उनकी नजर से छुप के
तुझे कैसे पकड़ू।

तुझे देना है सब कुछ,
पर क्या दे?
वो यादें, कल्पना या सपने?

कहानी मेरी, श्याही तेरी
उम्मीद है प्रेम बहेगा गहेरा।

No comments:

Pass - Pass Game of Life

We all have played that game - pass the parcel. Where music is played in background, parcel (pillow or ball or such object) is passed in the...