क्या होवे? क्या ना होवे?
तेरा था क्या?
जो तू रोवे!
तेरा था क्या?
जो तू खोवे!
तेरा था क्या?
जो तू रोवे!
तेरा था क्या?
जो तू खोवे!
क्या होवे? क्या ना होवे?
तेरे हाथोंमें है क्या?
तेरे हाथो से जो बोवै,
वही तो तू पावे।
तेरे हाथों में है क्या?
तेरे हाथोंमें है क्या?
तेरे हाथो से जो बोवै,
वही तो तू पावे।
तेरे हाथों में है क्या?
क्या होवे? क्या ना होवे?
समय आया क्या?
सपनों मे, वास्तव मे
समय आया क्या?
जो होना वही होवे।
समय आया क्या?
सपनों मे, वास्तव मे
समय आया क्या?
जो होना वही होवे।
क्या होवे? क्या ना होवे?
कोन पीछे पड़ा है?
अहं तेरा, भरम तेरा
कोन पीछे पड़ा है?
कोई सवाल, कोई जवाब
कोन पीछे पड़ा है?
अहं तेरा, भरम तेरा
कोन पीछे पड़ा है?
कोई सवाल, कोई जवाब
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो तू चाहे
या
वह चाहे?
तुझको क्या भावे?
यह तो था बस उसका होना।
शून्य का था सर्जन, शून्य हो जाना।
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो भी तू पावे।
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो भी तू गावे।
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो भी तू बांटे।
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो रखे हे दिलमें संभाले।
क्या होवे? क्या ना होवे?
बस तेरा मेरा हो ना।
जो तू चाहे
या
वह चाहे?
तुझको क्या भावे?
यह तो था बस उसका होना।
शून्य का था सर्जन, शून्य हो जाना।
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो भी तू पावे।
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो भी तू गावे।
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो भी तू बांटे।
क्या होवे? क्या ना होवे?
जो रखे हे दिलमें संभाले।
क्या होवे? क्या ना होवे?
बस तेरा मेरा हो ना।
(बह रही थी कोई, अंदर से मेरे। ढूंढ रहा हूं बाहर के कोने। कभी मिली थी मुझसे, थोड़ा मुझसे निकल कर या मुझको निकाल कर? बह गई अब वो, जो तलाशा मैंने। क्या वोह कह गई, बातें अधूरी सी रह गई। दिल हे सुखा और आंखे गीली। अंत ना था वो कविता की सरिता, अभिव्यक्ति मेरी अधूरी। क्योंकि में रह गया अधूरा, वो बह गई मधुरी? पूरब की और, कुछ हवा कह रही। आते जाते मुझे संदेशा देती, उस आश पर जीवित ...
जो अंदर से बहती, बाहर वो मिलती...)
जो अंदर से बहती, बाहर वो मिलती...)
-वैभव
happen and unhappen - video
1 comment:
Wow. Nice one.
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