Thursday, May 30, 2019

पुकार आयी हे फिर से,

पुकार आयी हे फिर से,
तन-मन चाहे आराम;
दोस्तो मामला संगीन हे,
अब तो सोना पड़ेगा.

पुकार आयी हे फिर से,
इश् बार किसी अओर ने नही;
खुद रानी ने बुलाया हे,
अब तो सोना पड़ेगा.

जग सोता मे जागता,
पर आज जग ने पुकारा हे,
थोड़े सपने सजाने;
जो हक़ीकत मे बदलने.
अब तो सोना पड़ेगा.

दोस्तो पुकार ना, तुम नही;
नयी दुनिया, सपनो की
वही पर मुलाकात होगी

30-5-2010

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