क्या तुझे फ़खर हे तेरे मेरे सफ़र पे||
फ़िक्र यह नही,
फ़िक्र नयी यह नही फ़र्क
के हमे या तूमे फ़खर हे या नही?
पर ये फ़र्क कहा से आया हे?
हमसफ़र हम तुम्हारे पुराने.
साथ रहे, पास रहे,
एक आश् मे बुने,
फिर भी आज क्यू एक नही.
सफ़र चलता रहेगा,
बात बनती रहेगी.
कभी ना कभी,
नफ़रत की सूरत से
इश्क़ की मूरत
निकल आए
यही हौसला लिए.
फखर हे हमे, की हम चल दिए.
जले जिए, ओर शायद
बुजने से पहले
तेरे हो लिए.
फ़िक्र यह नही,
फ़िक्र नयी यह नही फ़र्क
के हमे या तूमे फ़खर हे या नही?
पर ये फ़र्क कहा से आया हे?
हमसफ़र हम तुम्हारे पुराने.
साथ रहे, पास रहे,
एक आश् मे बुने,
फिर भी आज क्यू एक नही.
सफ़र चलता रहेगा,
बात बनती रहेगी.
कभी ना कभी,
नफ़रत की सूरत से
इश्क़ की मूरत
निकल आए
यही हौसला लिए.
फखर हे हमे, की हम चल दिए.
जले जिए, ओर शायद
बुजने से पहले
तेरे हो लिए.
Vaibhav, 24-05-2019
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I heard this song yeh safar, from 1942, a love story. few months back. Since then its link was saved on this blog post. Today, while listening to another song. again on travelling ' Jaane kya dhoondhta he'. I remember a simple stirring song back again. Above few lines are written while asking same question again. and searching for the answer.
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