Wednesday, May 12, 2021

अमावस

आज अमावस जगी हे,
आसपास तुम नही हो।
यादों कि रोशनी मत जलावो
कुछ ज़ख्म जग जाएंगे।

अंधेरो से मुझे डर नही,
डर मुझे उन सितारो से हे।
जिन्होंने बस दूर रह कर तमाशा देखा,
यह कहते रहे तुम आश रखना,
पर हम नही आएंगे।
तुम्हारे साथ हे, पर कामके नही,
मुझे गिनना और वाह ! वाह ! कहना
सब तो विनिमय हे अब, विनम्र कहा।

आज अमावस जगी हे,
आसपास तुम नही हो।

अगर
मा
विचरे
सृष्टि।

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