तू चुप बैठे,
चुभती मुझे
तेरी चुपी,
यह जान के भी
अनजान बने।
बैर ना यारी
सदा बहती
कब कहती
मौन की वाणी।
सार हे सब का
अब माही
रंग भरी,
तेरी वादी
रस भरीले
कस चढ़ी के
चार दिन में
खुट जाती सारी।
Learning by Practice, where experience is shared of Learning and Relearning by practice.
We all have played that game - pass the parcel. Where music is played in background, parcel (pillow or ball or such object) is passed in the...
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