Wednesday, June 30, 2021

खाली लिखा

खालीपन का पन्ना आज मेरे जीवन का हिस्सा
लिखा नही हे कुछ भी, फिर भी सुनाता हूं क़िस्सा।

जीवन के उन पल पर खालीपन लिखा हे,
तू क्यों बार बार पढ़ता भरले - भरले

क्यों ना पढ़ पाता जो खाली कहना चाहे?
थोड़ा सा ख़ालीपन मे भी तू  जी ले।

आस-पास बहुत कुछ हे, पर यह कैसी आश है?
जो है वो नही, जो नही वो तुझे कैसे दिख जाता।

लिफ़ाफ़ा कैसे खाली हो, जिंदा हूँ मे
गहराई में, जरा तू झांख ले
ख़ालीपन आईना हे, जब तक स्व नही।



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